सुनो.. जब भी हमें तुम्हारी याद आती है बहुत याद आती है। सुनो.. जब भी हमें तुम्हारी याद आती है बहुत याद आती है।
जिंदगी भर के लिए तेरा साथ मिल जाय। जिंदगी भर के लिए तेरा साथ मिल जाय।
आत्म शांति एवं आत्मतृप्ति के लिए। आत्म शांति एवं आत्मतृप्ति के लिए।
ये पल दो पल आराम करने का नहीं हर एक को दो चार क़दम ही जाना है। ये पल दो पल आराम करने का नहीं हर एक को दो चार क़दम ही जाना है।
ये खुद की मेहरबानी है, या क़िस्मत का करम, कि नहीं है कोई मंजिल, फिर भी बढ़ रहे हैं कदम ! ये खुद की मेहरबानी है, या क़िस्मत का करम, कि नहीं है कोई मंजिल, फिर भी बढ़ रहे...
खुद को संभालते संभालते,हम वक़्त में फिसलते रहे! खुद को संभालते संभालते,हम वक़्त में फिसलते रहे!